Abstract

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मौर्य काल में स्त्रियों की स्थिति

Author : रश्मि संत

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बौद्ध काल के बाद मौर्य वंश अस्तित्व में आया। इसका समय 322 ई.पू. से 185 ई0पू0 तक माना जाता है। मौर्यकालीन साहित्य में स्त्रियों की स्थिति पर विस्तार से लिखा गया। भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध कौटिल्य मौर्यकालीन ही थे जिन्होंने अपने ग्रन्थ अर्थशास्त्र में स्त्रियों के विवाह और सम्पत्ति के अधिकारों पर व्यापक प्रकाश डाला। प्रस्तुत शोध पत्र में कौटिल्य के अर्थशास्त्र एवं अन्य ग्रन्थों के आधार पर स्त्रियों की दशा का अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन से न सिर्फ स्त्रियों की सामाजिक दशा का पता चला है बल्कि उस समय प्रचलित नियमों और रीति रिवाजों का भी पता चलता है। स्त्रियों के सम्बंध में पुरूषों की सोच यह बताती है कि समाज में स्त्रियों का स्थान गौण था। हालाँकि उन्हें सम्पत्ति सम्बन्धी कुछ अधिकार प्राप्त थे और कुछ मामलों में उनको महत्व दिया गया था किन्तु यदि पूरे मौर्यकाल पर दृष्टिपात करें तो स्त्रियों की दशा सम्मानजनक नहीं थी।